क्या अंग्रेज़ी ने क्षेत्रीय भाषाओं को दबाया? इतिहास इसके विपरीत संकेत देता है। शिक्षा के विस्तार ने क्षेत्रीय भाषाओं को भी मज़बूत किया। लोकमान्य तिलक ( केसरी, महारत्ता ) और गांधी ( नवजीवन ) ने क्रमशः मराठी और गुजराती में प्रभावशाली अख़बार शुरू किए। रवींद्रनाथ टैगोर (बंगाली) और मुंशी प्रेमचंद (हिंदी) जैसे साहित्यिक…
